Times of Bennett | Updated: Sep 4, 2020, 18:59 IST
कोविड के ख़तरे और लॉकडॉउन के दौर में जहाँ कोविड योद्धाओं की खूब तारीफ हो रही है वहीं कईयों के लिए केवल तारीफ काफी नहीं है। उन्हें समाज से थोड़ी सी इज़्जत और समय पर तनख्वाह की भी दरकार है ताकि वे अपनी निजी ज़िम्मेदारियाँ भी पूरी कर सकें। बीजेएमसी हिंदी की छात्रा ईशिका बुबना ने ऐसे कुछ योद्धाओं से बात की