कभी हार न मानो और अवसर की तलाश में लगे रहोः राहुल खंडेलवाल
K‘नई चीजों को जानने की जिज्ञासा और सीखने का जज्बा- ये दो चीजें ऐसी हैं जो इंसान की किस्मत बदल सकती हैं। इसलिए कभी इन दोनों चीजों का दामन नहीं छोड़ना चाहिए।’
यह कहना है कि राहुल खंडेलवाल का जिनका आज उद्योग जगत में एक खास मुकाम है। पिछले दिनों जब वह बेनेट यूनिवर्सिटी द्वारा वर्चुअली आयोजित टेड टॉक शो में बतौर स्पीकर शामिल हुए तो अपने कॉलेज के दिनों को याद करते हुए उन्होंने युवाओं को कभी हार न मानने की बेजोड़ सलाह दी।
मेहनत करें और खुद पर भरोसा रखें
राहुल का तकनीक से काफी लगाव रहा है। वह बताते हैं कि जब वह कॉलेज में थे, तो उन दिनों कंप्यूटर एक चीज हुआ करता था। कंप्यूटर में उनकी दिलचस्पी जगी तो उन्होंने अपने सीनियर्स से इस पर सलाह मांगी। खास तौर से यह जानने की कोशिश की कि क्या कंप्यूटर के जरिए पैसे भी कमाए जा सकते हैं। राहुल के मुताबिक, उन्हें इसका एक दिलचस्प जवाब यह मिला था कि अगर कंप्यूटर प्रोग्रामिंग, खासतौर से जावा के बारे में सीख लिया जाए, तो दिल्ली में महीने के 10 से 20 हजार रुपये कमाए जा सकते हैं। राहुल इस जानकारी से काफी उत्साहित हुए कि अपना पसंदीदा काम करते हुए वह इससे काफी शानदार कमाई कर सकते हैं।
पहली नौकरी से हुआ सपना साकार
राहुल खंडेलवाल ने बताया कि जिन दिनों वह कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं, उन दिनों ई-कॉमर्स कंपनियों का कोई वजूद नहीं था। उस जमाने में किसी बहुराष्ट्रीय (एमएनसी) में नौकरी लग जाना किसी कामयाबी से कम नहीं था। राहुल के मुताबिक तब ऐसा हुआ कि उनकी पहली नौकरी ही एक एमएनसी- एचसीएल में लग गई। यह कुछ ऐसा ही था, जैसे कोई सपना सच हो जाए और किसी को उसकी मेहनत का फल मिल जाए।
जिंदगी में निराश न हों
राहुल खंडेलवाल का कहना है कि वह जिस जगह काम करते हैं, वहां उनके साथ काम करने वाले ज्यादातर कर्मचारी आईआईटी से हैं। लेकिन खुद उनका (राहुल का) बैकग्राउंड आईआईटी का नहीं है। खुद के आईआईटीनहीं होने के बावजूद आज वह जिस ऊंचे मुकाम पर हैं, इसके लिए वह सारा श्रेय मेहनत को देते हैं। टेड टॉक के युवा दर्शकों का उत्साह बढ़ाते हुए राहुल ने सलाह दी कि जिंदगी में कभी भी खुद को छोटा या हीन नहीं समझना चाहिए। जब आप इस सोच के साथ आगे बढ़ेंगे, तो कामयाबी के रास्ते में आने वाली छोटी-बड़ी हर मुश्किल का सामना आसानी से कर सकेंगे।
टेड टॉक के आखिर में राहुल ने युवाओं को सलाह दी कि वक्त के साथ-साथ खुद को बदलने की भी जरूरत है। साथ ही जरूरी है कि लोग भरोसेमंद और संवेदनशील हों। यही वे बातें हैं जो आपकी कामयाबी के दरवाजे खोल सकती हैं।
यह कहना है कि राहुल खंडेलवाल का जिनका आज उद्योग जगत में एक खास मुकाम है। पिछले दिनों जब वह बेनेट यूनिवर्सिटी द्वारा वर्चुअली आयोजित टेड टॉक शो में बतौर स्पीकर शामिल हुए तो अपने कॉलेज के दिनों को याद करते हुए उन्होंने युवाओं को कभी हार न मानने की बेजोड़ सलाह दी।
मेहनत करें और खुद पर भरोसा रखें
राहुल का तकनीक से काफी लगाव रहा है। वह बताते हैं कि जब वह कॉलेज में थे, तो उन दिनों कंप्यूटर एक चीज हुआ करता था। कंप्यूटर में उनकी दिलचस्पी जगी तो उन्होंने अपने सीनियर्स से इस पर सलाह मांगी। खास तौर से यह जानने की कोशिश की कि क्या कंप्यूटर के जरिए पैसे भी कमाए जा सकते हैं। राहुल के मुताबिक, उन्हें इसका एक दिलचस्प जवाब यह मिला था कि अगर कंप्यूटर प्रोग्रामिंग, खासतौर से जावा के बारे में सीख लिया जाए, तो दिल्ली में महीने के 10 से 20 हजार रुपये कमाए जा सकते हैं। राहुल इस जानकारी से काफी उत्साहित हुए कि अपना पसंदीदा काम करते हुए वह इससे काफी शानदार कमाई कर सकते हैं।
पहली नौकरी से हुआ सपना साकार
राहुल खंडेलवाल ने बताया कि जिन दिनों वह कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं, उन दिनों ई-कॉमर्स कंपनियों का कोई वजूद नहीं था। उस जमाने में किसी बहुराष्ट्रीय (एमएनसी) में नौकरी लग जाना किसी कामयाबी से कम नहीं था। राहुल के मुताबिक तब ऐसा हुआ कि उनकी पहली नौकरी ही एक एमएनसी- एचसीएल में लग गई। यह कुछ ऐसा ही था, जैसे कोई सपना सच हो जाए और किसी को उसकी मेहनत का फल मिल जाए।
जिंदगी में निराश न हों
राहुल खंडेलवाल का कहना है कि वह जिस जगह काम करते हैं, वहां उनके साथ काम करने वाले ज्यादातर कर्मचारी आईआईटी से हैं। लेकिन खुद उनका (राहुल का) बैकग्राउंड आईआईटी का नहीं है। खुद के आईआईटीनहीं होने के बावजूद आज वह जिस ऊंचे मुकाम पर हैं, इसके लिए वह सारा श्रेय मेहनत को देते हैं। टेड टॉक के युवा दर्शकों का उत्साह बढ़ाते हुए राहुल ने सलाह दी कि जिंदगी में कभी भी खुद को छोटा या हीन नहीं समझना चाहिए। जब आप इस सोच के साथ आगे बढ़ेंगे, तो कामयाबी के रास्ते में आने वाली छोटी-बड़ी हर मुश्किल का सामना आसानी से कर सकेंगे।
टेड टॉक के आखिर में राहुल ने युवाओं को सलाह दी कि वक्त के साथ-साथ खुद को बदलने की भी जरूरत है। साथ ही जरूरी है कि लोग भरोसेमंद और संवेदनशील हों। यही वे बातें हैं जो आपकी कामयाबी के दरवाजे खोल सकती हैं।