बेनेट में एक शाम “कविताओं” के नाम
स्लैम पोएट्री कम्पटीशन के दौरान सेरीब्रम क्लब के एक सदस्य ने भी अपनी कविता प्रस्तुत करते हुए|
संकल्प गुप्ता
कहते हैं, कविताओं में कुछ जादू होता है, कम शब्दों में भी यह आपको एक गहरी सोच में डुबाने या एक अलग ही दुनिया में ले जाने की काबिलियत रखती हैं, तो इसी ताकत को दर्शाने के लिए , बेनेट विश्वदिध्यालय के लिट्ररी क्लब “सेरीब्रम” द्वारा एक ‘स्लैम पोएट्री प्रतियोगिता’ का आयोजन किया गया जहाँ,जी-20 के इस बार के मंत्र “वसुधैव कुटुम्बकं” यानि पूरी दुनिया एक परिवार है” ,पर आधारित थीं|
ऐसे विषय जिनमें समाई है पूरी दुनिया
इस प्रतियोगिता में सभी प्रतियोगियों को अलग-अलग चुनने और उसपर अपनी कविताओं को प्रस्तुत करने की चुनौती थी, और विषय भी ऐसे जो कि, एक इंसान को उसके अंतर्मन से जोड़ने का काम करें जैसे कि:-
1.नेम एंड आइडेंटिटी या नाम और पहचान: यह विषय था कि एक व्यक्ति के अपना नाम और रूतबा उसकी खुदकी पहचान लगता है या बोझ|
2.ए लेटर टू टुमौरो या कल को एक पत्र: इस विषय में प्रतियोगियों को कुछ इस प्रकार कविताएँ बोलनी थी कि मानों , वह अपने आने वाले कल को नहीं, बल्कि उस पीछे छूट चुके पार्क में खेलने वाले बच्चे के लिए हों|
3.आवर वर्ल्ड- एन इम्पेर्फेक्ट फैमिली: याहमारी दुनिया: एक अलग परिवार: इस विषय में प्रतियोगियों को परिवार के सदस्यों के बींच मतभेद के बावजूद, एकजुटता,प्यार और अपनेपनको दर्शाना था|
4.रेस ऑफ़ रिप्रजेंटेशन या खुद को दुनिया की भाग-दौड़ में खुद की दावेदारी: इस विषय में प्रतियोगियों को दर्शाना था कि, समाज में भागीदारी किस तरह से रखना चाहता है?
5.कम्फर्ट ऑफ़ होम या घर क्या है: जी हाँ इस विषय में प्रतियोगियों को बताना था कि, एक मकान घर कैसे बनता है?
सभी प्रतियोगियों द्वारा रहा शानदार प्रदर्शन
इस स्लैम पोएट्री प्रतीयोगीता में भाग लेने वाले हर एक प्रतियोगी ने मन को मोह लेने वाली कविताओं से हॉल में मौजूद सभी दर्शकों को भी प्रभावित करने में सफल रहे|
G-20 थीम से प्रभावित रही “स्लैम पोएट्री” प्रतियोगीता
लिट्ररी क्लब “सेरीब्रम” द्वारा आयोजित “स्लैम पोएट्री” प्रतियोगीता, पूर्ण रूप से G-20 से प्रभावित नज़र आयी, जहां उपयुक्त सभी विषय G-20 से प्रभावित होकर ही बनाए गए थे, जो दर्शाता है कि, एक विश्वविद्यालय के क्लब द्वारा कैसे भारत को मिली G-20 अध्यक्षता को सम्मान दिया गया|
भावनाओं से भरा एक यादगार सफ़र, “स्लैम पोएट्री” प्रतियोगीता
वैसे तो कविताएं हर एक को अच्छी ही लगती हैं, पर मेरे लिए यह पोएट्री प्रतियोगीता, एक कभी ना भुला पाने वाला अनुभव रहा| एक ऐसा अनुभव जिसने मुझे शब्दों की ताकत और लोगों के उस्से जुड़ाव के बारे में समझाया|
कहते हैं, कविताओं में कुछ जादू होता है, कम शब्दों में भी यह आपको एक गहरी सोच में डुबाने या एक अलग ही दुनिया में ले जाने की काबिलियत रखती हैं, तो इसी ताकत को दर्शाने के लिए , बेनेट विश्वदिध्यालय के लिट्ररी क्लब “सेरीब्रम” द्वारा एक ‘स्लैम पोएट्री प्रतियोगिता’ का आयोजन किया गया जहाँ,जी-20 के इस बार के मंत्र “वसुधैव कुटुम्बकं” यानि पूरी दुनिया एक परिवार है” ,पर आधारित थीं|
ऐसे विषय जिनमें समाई है पूरी दुनिया
इस प्रतियोगिता में सभी प्रतियोगियों को अलग-अलग चुनने और उसपर अपनी कविताओं को प्रस्तुत करने की चुनौती थी, और विषय भी ऐसे जो कि, एक इंसान को उसके अंतर्मन से जोड़ने का काम करें जैसे कि:-
1.नेम एंड आइडेंटिटी या नाम और पहचान: यह विषय था कि एक व्यक्ति के अपना नाम और रूतबा उसकी खुदकी पहचान लगता है या बोझ|
2.ए लेटर टू टुमौरो या कल को एक पत्र: इस विषय में प्रतियोगियों को कुछ इस प्रकार कविताएँ बोलनी थी कि मानों , वह अपने आने वाले कल को नहीं, बल्कि उस पीछे छूट चुके पार्क में खेलने वाले बच्चे के लिए हों|
3.आवर वर्ल्ड- एन इम्पेर्फेक्ट फैमिली: याहमारी दुनिया: एक अलग परिवार: इस विषय में प्रतियोगियों को परिवार के सदस्यों के बींच मतभेद के बावजूद, एकजुटता,प्यार और अपनेपनको दर्शाना था|
4.रेस ऑफ़ रिप्रजेंटेशन या खुद को दुनिया की भाग-दौड़ में खुद की दावेदारी: इस विषय में प्रतियोगियों को दर्शाना था कि, समाज में भागीदारी किस तरह से रखना चाहता है?
5.कम्फर्ट ऑफ़ होम या घर क्या है: जी हाँ इस विषय में प्रतियोगियों को बताना था कि, एक मकान घर कैसे बनता है?
सभी प्रतियोगियों द्वारा रहा शानदार प्रदर्शन
इस स्लैम पोएट्री प्रतीयोगीता में भाग लेने वाले हर एक प्रतियोगी ने मन को मोह लेने वाली कविताओं से हॉल में मौजूद सभी दर्शकों को भी प्रभावित करने में सफल रहे|
लिट्ररी क्लब “सेरीब्रम” द्वारा आयोजित “स्लैम पोएट्री” प्रतियोगीता, पूर्ण रूप से G-20 से प्रभावित नज़र आयी, जहां उपयुक्त सभी विषय G-20 से प्रभावित होकर ही बनाए गए थे, जो दर्शाता है कि, एक विश्वविद्यालय के क्लब द्वारा कैसे भारत को मिली G-20 अध्यक्षता को सम्मान दिया गया|
भावनाओं से भरा एक यादगार सफ़र, “स्लैम पोएट्री” प्रतियोगीता
वैसे तो कविताएं हर एक को अच्छी ही लगती हैं, पर मेरे लिए यह पोएट्री प्रतियोगीता, एक कभी ना भुला पाने वाला अनुभव रहा| एक ऐसा अनुभव जिसने मुझे शब्दों की ताकत और लोगों के उस्से जुड़ाव के बारे में समझाया|
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