साउथ में अभिनेताओं के लिए जो दीवानगी है वह देखने लायक होती है !
Times of Bennett | Updated: Mar 27, 2023 17:09

लेखक - नैवेद्य पुरोहित
बीते सप्ताह के मंगलवार 21 मार्च 2023 को बेनेट यूनिवर्सिटी में नेटफ्लिक्स की सुपरहिट वेब सीरीज 'राणा नायडू' की स्टारकास्ट आई जिनका कि पूरे जोर-शोर के साथ सभी विद्यार्थियों ने हार्दिक अभिनंदन किया।
राणा नायडू सीरीज में मुख्य किरदार निभाने वाले प्रसिद्ध अभिनेता राणा दग्गुबाती , सीरीज में राणा की पत्नी के रूप में बॉलीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री सुरवीन चावला और एक फिल्म लेखक, निर्देशक-निर्माता के रूप में अपनी पहचान बना चुके राणा नायडू सीरीज के निर्देशक करण अंशुमन जब बेनेट यूनिवर्सिटी में पहुंचे तब चहुओर तालियों की गड़गड़ाहट के साथ विद्यार्थियों की भीड़ ने पूरे गर्मजोशी से सभी का स्वागत किया। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि बेनेट यूनिवर्सिटी में दक्षिण भारत से आए विद्यार्थियों की तादाद बहुत है यदि हम दक्षिण भारत से बेनेट यूनिवर्सिटी में आए प्रथम वर्ष के सिर्फ़ तेलुगू भाषियों की बात करें तो वह संख्या 100 से 150 के लगभग है। यदि दूसरे , तीसरे और चौथे वर्ष के छात्रों को मिला ले तो ये संख्या 400 से अधिक हो जाती है। जब इन विद्यार्थियों को अपने पसंदीदा अभिनेता को लाइव इतनी पास से देखने को मिला तो सभी के लिए एक सपना पूरा होने जैसी बात हो गई थी। और सोने पे सुहागा तब हुआ जब राणा दग्गुबाती ने अपने क्षेत्र के बच्चों से सबके सामने तेलुगु में संवाद किया। राणा दग्गुबाती ने अपनी ब्लॉकबस्टर फिल्म नेने राजू नेने मंत्री का फेमस डायलॉग भी तेलुगु में सुनाया, "जोगेन्द्र जोगेन्द्रा...." इतना कहते ही पूरी भीड़ उनके सामने जोरशोर से राणा दग्गुबाती के जयघोष लगाने लगी। अपने पसंदीदा अभिनेता राणा दग्गुबाती को लाइव देखने वाले बेनेट यूनिवर्सिटी में बीटेक के प्रथम वर्ष के तेलुगु छात्र पोसरला साईं कार्तिक का कहना है,"मेरे लिए यह अनुभव एक सपना सच होने जैसा रहा। मैं बचपन से ही राणा सर का बहुत बड़ा प्रशंसक रहा हूं। राणा सर की आभा ने न केवल मुझे बल्कि सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया"।
सच में उस दिन मुझे लगा कि अपने पसंदीदा अभिनेताओं के प्रति दीवानगी तो दक्षिण भारत में ही देखने लायक होती है हम उत्तर भारतीय तो कभी भी इतने दीवाने नहीं हो सकते। दक्षिण भारत में आज भी कई घरों में भगवानों की तस्वीरों के साथ मंदिरों में अभिनेताओं के फोटो भी होते है और लोग उन्हें बकायदा पूजते भी है ! कहते हैं कि बॉलीवुड में सुपरस्टार्स को अपनी फिल्म रिलीज करने के लिए किसी खास दिन या त्यौहार का इंतजार करना पड़ता है लेकिन साउथ में अभिनेता ऐसे किसी खास मौके का इंतजार नहीं करते बल्कि जिस दिन उनकी फिल्म रिलीज़ होती है जनता उस दिन को अघोषित रूप से अपने आप छुट्टी करार देती है। बहरहाल, राणा दग्गुबाती का बेनेट यूनिवर्सिटी में आना और खुले मंच पर अपने क्षेत्र के तेलुगु भाषियों से सीधा संवाद करना कोई छोटी बात नहीं है। दक्षिण भारतीयों में मैंने एक बात यह भी गौर की कि उनमें एकता बहुत है। वे अपनी मातृभाषा को मात्र एक भाषा न मानते हुए अपना अभिमान मानते है व स्वयं के स्वाभिमान से जोड़ते हैं। वही दूूसरी तरफ उत्तर भारतीय उसके विपरीत है न तो हम उत्तर भारतीयों में उतनी एकता है जितनी दक्षिण में है और न ही हम हमारी मातृभाषा हिंदी को वो दर्जा देते है जिसके वो योग्य है ! खैर, ये तो वक्त ही बताएगा कि हिन्दी को लेकर उत्तर भारतीयों में इतना प्यार और गर्व कब आएगा जितना दक्षिण भारतीयों को अपनी भाषा से है।
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