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सभी अतिथि व्याख्यानों में अब तक का सर्वश्रेष्ठ था यह !

Times of Bennett | Updated: Apr 03, 2023 22:05
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लेखक - नैवेद्य पुरोहित

"पत्रकारिता दुनिया में सबसे जोखिमभरा और खतरनाक पेशा है।" "समाज के पहरेदार होते है पत्रकार।" "इंटरनेट एक दोधारी तलवार है और इसने समाज को हमेशा के लिए बदल दिया है।" यह सब कहना है देश के वरिष्ठ पत्रकार परंजॉय गुहा ठाकुरता का। उक्त बातें उन्होंने विगत दिनों 21 मार्च को बेनेट यूनिवर्सिटी के टाइम्स स्कूल ऑफ मीडिया में अतिथि शिक्षक के तौर पर कही। मुद्दा था "डिजिटल युग में मीडिया नैतिकता" का...और व्याख्यान करने वाले देश के प्रसिद्ध स्वतंत्र खोजी पत्रकार परंजॉय थे।
वैसे तो गेस्ट लेक्चर पहले भी हमारे कई बार हुए है पर इस बार कि जो 'मास्टरक्लास' यह थी वैसी आज तक नहीं हुई। जितने सवाल इस बार बच्चों द्वारा पूछे गए उतने पहले किसी भी गेस्ट लेक्चर में नहीं पूछे गए...जितनी ध्यान से इस बार बच्चे सुन रहे थे उतनी ध्यान से आज तक किसी भी गेस्ट लेक्चरर को नहीं सुना गया। सभी के दिलों दिमाग में बेहद खास जगह बना गया ये गेस्ट लेक्चर !
विषय प्रवर्तन करते हुए वरिष्ठ पत्रकार का कहना था कि हमारे जीवन में पारदर्शिता लाने के लिए जो व्यक्ति जिम्मेदार है वह सिर्फ एक पत्रकार है। बेहद बारीक पहलुओं को समझाते हुए विद्यार्थियों को मिस-इंफॉर्मेशन और डिस-इंफॉर्मेशन के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि मिस इंफॉर्मेशन या झूठी खबर / गलत जानकारी किसी के द्वारा इरादतन और गैर इरादातन तरीके से भी दी जा सकती है। लेकिन डिस इंफॉर्मेशन जिसे हम दुष्प्रचार के तौर पर भी जानते हैं एक ऐसी गलत जानकारी है जिसका उद्देश्य सिर्फ़ गुमराह करना होता है विशेष रूप से आज का मीडिया जो आम जनता के साथ कर रहा है वह डिस-इंफॉर्मेशन है एक झूठा प्रचार किया जा रहा है प्रोपेगेंडा फैलाया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे उनके द्वारा राहुल गांधी की ली गई एक तस्वीर से छेड़छाड़ हुई और वह खुद दुष्प्रचार का शिकार हो गए। जब वे राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में उनसे मिलने गए थे तब राहुल गांधी की सहमति से चाय पीते हुए उनकी एक तस्वीर ली थी और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के बाद मिनटों में उन्हें पत्रकारों और फैक्ट चेकर्स के फोन आने लगे जो उनके द्वारा पोस्ट की गई तस्वीर के बारे में पूछ रहे थे कि क्या यह वास्तविकता है। कुछ ट्रोलर्स ने फोटो को एडिट करके उसके साथ छेड़छाड़ करके चाय की जगह शराब पीते हुए उनकी एक तस्वीर को शेयर करना शुरू कर दिया था। इससे पहले कि परंजॉय कुछ कर पाते या स्थिति को सुधार पाते नुकसान हो चुका था। चिंतित होते हुए उन्होंने कहा कि कैसे "व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी" प्रोपेगेंडा फैलाती हैं।


पूरे सत्र के दौरान छात्रों के साथ अपने विभिन्न अनुभवों को उन्होंने साझा किया। प्रश्न उत्तर सत्र के दौरान कई विद्यार्थीयों एवं फैकल्टीज़ ने अपने प्रश्न पूछे और सभी की जिज्ञासाओं को शांत करते हुए हर प्रश्न के उत्तर का उनके द्वारा विस्तार से वर्णित करते हुए जवाब दिया गया।

~ नैवेद्य पुरोहित

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